कुछ दिन पहले मेरे पास एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई ।

यह किसी *दिब्या शर्मा* के नाम से थी ।

एक्सैप्ट करने से पहले मैने आदतन उसकी प्रोफाइल को चैक किया…

तो पता चला अभी तक उसकी मित्रता सूची में कोई भी नहीं है ।

शक हुआ कि कहीं कोई फेक तो नहीं है ।

फिर सोचा नहीं….,
हो सकता है फेसबुक ने इस यूजर को नया मानते हुए इसे मेरे साथ मित्रता करने के लिए सज्जेस्ट किया हो…

खैर मैनें रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली।

सबसे पहले उसकी ओर से धन्यवाद आया..

फिर मेरे हर स्टेटस को *लाईक और कमेंटस* मिलने शुरू हो गए ।

मैं अपने इस नए कद्रदान को पाकर बेहद खुश हुआ..

सिलसिला आगे बढ़ा और
अब मेरी निजी जिंदगी से संबधित कमेंटस आने लगे ।

मेरी पसंद नापसंद को पूछा जाने लगा ।

अब वो कुछ *रोमांटिक सी शायरी* भी पोस्ट करने लगी थी..

एक दिन मोहतरमा ने पूछा : क्या आप अपनी *बीवी से प्यार* करते हैं ?

मैनें झट से कह दिया : हाँ..

वो चुप हो गई ।

अगले दिन उसने पूछा : क्या आपकी मैडम *सुंदर* है ??

इस बार भी मैने वही जवाब दिया :हाँ बहुत सुंदर है ।

अगले दिन वो बोली : क्या आपकी बीवी खाना अच्छा बनाती है?

” बहुत ही स्वादिष्ट” मैनें जवाब दिया ।

फिर कुछ दिन तक वो नजर नहीं आई ।

अचानक कल सुबह उसने मैसेज बाक्स में लिखा “मैं आपके शहर में आई हूँ…

क्या आप मुझसे *मिलना* चाहेंगे..??”

मैनें कहा : जरूर…

“तो ठीक है आ जाइये *सिने गार्डन* में मिल भी लेंगे और *मूवी* भी देख लेंगे” ।

मैनें कहा नहीं- “मैडम आप आ जाइये मेरे *घर* पर…
मेरे *बीवी-बच्चे* आपसे मिलकर खुश होंगे ।
मेरी बीवी के हाथ का खाना भी खाकर देखियेगा।

बोली : नहीं, मैं आपकी मैडम के सामने नहीं आऊँगी ,आपने आना है तो आ जाओ ।

मैंने उसे अपने यहाँ बुलाने की काफी कोशिश की मगर वो नहीं मानी ।

वो बार बार अपनी पसंद की जगह पर बुलाने की जिद पर अड़ी थी…

और मैं उसे अपने यहाँ ।

वो झुंझला उठी और बोली : ठीक है मैं वापिस जा रही हूँ । तुम डरपोक अपने घर पर ही बैठो।

मैनें फिर उसे *समझाने* का प्रयास किया और सार्वजनिक स्थल पर मिलने के खतरे गिनायें पर वो नहीं मानी ।

हार कर मैंने कह दिया : मुझसे मिलना है तो मेरे परिवार वालों के सामने मिलो….

वो *ऑफलाइन* हो गई ।

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शाम को घर पहुँचा,तो डायनिंग टेबल पर *लज़ीज खाना* सजा हुआ था ।

मैनें पत्नी से पूछा: कोई आ रहा है क्या खाने पर ??

वो बोली…
हाँ, *दिब्या शर्मा* आ रही है ।

मैंने कहा…
क्या???
वो तुम्हें कहाँ मिली तुम उसे कैसे जानती हो??

“तसल्ली रखिये साहब,
वो *मैं* ही थी..
आप मेरे जासूसी मिशन के दौरान परीक्षा में *पास* हुए…

आओ मेरे सच्चे हमसफर, खाना खायें, ठंडा हो रहा है…!!
👩🏻👩🏻👩🏻‍🌾👱🏻‍♀💁🏻👩🏻👩🏻??

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*टाईम रहते मैने अपनी पत्नी का मोबाईल चेक नहीं किया होता… तो आज मै यह पोस्ट करने लायक ना होता..।।*”
😜😜😜😜😜😜😜😜

1 Comment
  1. Greetings! Very useful advice in this particular article! Its the little changes that will make the biggest changes. Thanks for sharing!

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